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घर का बड़ा लड़का हूँ

ये कहानी घर के बड़े लड़के की है

जो कि मैं हूँ! 😊
थोड़ा समझदार हूँ थोड़ा जिम्मेदार हूँ 
बस इसीलिए घर छोड़ के निकल चूका हूँ! 

बिहार की एक बस्ती में मकान मेरा है,😊
छोटा ही सही पर मम्मी पापा से सजा जहा मेरा भी है,
एक छोटी बहन एक छोटा भाई है,😊
और उनकी सरपरस्ती का ज़िम्मा मेरा भी है.”

क्योंकि उम्र हो चुकी है पापा की,
पर घर का चूल्हा-चौका तो चलाना ही है| 
यही कुछ बातें समझ चूका हूँ,
शायद इसलिए मैं घर छोड़ के निकल चका हूँ| 😞
मैं घर का बड़ा लड़का हूँ 
थोड़ा समझदार हूँ थोड़ा जिम्मेदार हूँ 

वहीं कुछ तक़रीबन उम्र 20 की थी ,
जब मैंने घर की दहलीज को पार किया था|😞

दुनिया देखी भी न थी,
जब मैंने काम शुरू किया था
तब धक्के खाने की हिम्मत न थी 😣
बस खुद को समझा लिया था की अगर आज तू तपेगा नही 
तो कल घर में चूल्हा  जलेगा नहीं
और कुछ लोग ज़िंदा है तेरे आसरे पर|😞😞

अगर आज तू बड़ेगा नही
तो कल उनका सवारेगा नही 
फिर बहन की शादी भी है, 
भाई की पढाई भी है 
बस यही कुछ बातें समझ चूका हूँ, 
इसलिए घर छोड़ के निकल चूका हूँ| 😣😣
मैं घर का बड़ा लड़का हूँ,
थोड़ा समझदार हूँ, थोड़ा जिम्मेदार हूँ|

“माँ तेरे बिना चार दिवार और एक आइना है घर में 
बस उन से कुछ बक बका लेता हूँ. 

जब आती है तेरी याद 
जो सवाल पूछने होते है तुमसे,
अब उनके जवाब खुद मैं ही ढूंढ लेता हूँ, 
अकेले पन में लिपटता हूँ,  मैं 
पर सब गम छुपा लेता हूँ|

जब फ़ोन घर से आता है 
तो कुछ चटपटे किस्से भी सुना देता हूँ,😞😞
सब दर्द भरी दस्ताये भुला चुका हूँ|
सब गिले शिकवे मिटा चुका हूँ, 
घर को आबाद करने निकला हूँ, 
पर खुद घर से बेघर हो चूका हूँ, 
मैं घर का बड़ा लड़का हूँ……😞😞

बावर्ची खाने से नफरत थी, 
मुझे लेकिन आज टेढ़ी मेढ़ी रोटी भी पका लेता हूँ| 
खाने पर नखरे करने वाला था मैं 
पर आज कच्चा पक्का कुछ भी खा लेता हूँ|😣
 पर अफ़सोस क्या करूँ 
ये तो दस्तूर है दुनिया का 
बस यही कह के दिल को बहला लेता हूँ| 


वरना बहुत खुश नसीब होते है, 
वो लोग जो मिल के साथ रहते है, 
मुझ जैसे तो शहर में कई हजार रहते है 
लेकिन कुछ बुख़ार में दम तोड़ देते है 🙏🙏😞
कुछ बुख़ार में तपते रहते है, 
अपना किसे कहे वो तो गाँव में रहते है|😞😞

बस अब एक बात बोलूँगा 🙏🙏
की अगर कोई पडोसी हो मुझ जैसा तुम्हारा तो 🙏🙏
उसे अपना बना लेना 
उसे घर में न सही पर दिल में थोड़ी जगह देना, 😞😞🙏


जो बरसों से तरस रहा हैं “माँ” के खाने को 😞😞
कभी महफ़िल सजे तो उसे भी बुला लेना. 
वो आसमानो की उड़ानों में उड़ना चाहता  हो,
हो सके तो उसके पंखों में हौसला बड़ा देना 
फिर वो जहाँ भी जायेगा तुम्हे याद करेगा 
वो घर का बड़ा लड़का है बड़ा नाम करेगा….


🖌️🖌️ मनीष कुमार सिंह 🙏🙏🙏

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18 Comments

Reena yadav

07-Apr-2024 11:36 PM

Every word touched my heart🤍

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Babita patel

04-Feb-2023 05:25 PM

very nice

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Niraj Pandey

09-Oct-2021 07:54 PM

बहुत खूब

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